Waqf Board : केंद्रीय कैबिनेट ने वक्फ बिल को मंजूरी दे दी है, और यह अब संसद में पेश होने के लिए तैयार है। यह बिल पिछले कई महीनों से चर्चा का विषय रहा है, और अब इसे अगले महीने, यानी मार्च के बाद बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किया जा सकता है। इसे 19 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिली, और इसके संशोधन के बाद इसे संसदीय समिति से भी स्वीकृति प्राप्त हुई थी।इस बिल को अगस्त 2024 में पहली बार लोकसभा में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरन रिजिजू ने पेश किया था, लेकिन विपक्ष के विरोध और हंगामे के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया था। JPC ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की, जिसे 29 जनवरी 2025 को मंजूरी दी गई। हालांकि, विपक्ष ने “वक्फ बाय यूजर्स” प्रावधान को लेकर आपत्ति जताई थी, और इसे हटाने का भी विरोध किया था। वक्फ अरबी शब्द है, जिसका अर्थ होता है दान, विशेष रूप से अल्लाह के नाम पर दिया गया दान।
वक्फ बोर्ड उन सभी दान की गई संपत्तियों की देखरेख करता है, जिनका उपयोग परोपकार के लिए किया जाता है। इसमें मस्जिदों का निर्माण, शिक्षा की व्यवस्था, और धार्मिक कार्यों की जिम्मेदारी होती है। वक्फ बोर्ड के पास असीमित संपत्तियाँ होती हैं, और यह सुनिश्चित करता है कि इनका सही उपयोग हो।वक्फ बिल का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाना है। इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं, जो वक्फ संपत्तियों के सही और नियमानुसार उपयोग की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही, वक्फ संपत्तियों से संबंधित किसी भी गलत उपयोग या शोषण की स्थिति में कड़े कदम उठाए जाएंगे।