PURNEA NEWS : विश्व साइकिल दिवस पर ‘फिट पूर्णिया’ के संदेश के साथ निकली जागरूकता रैली, हर वर्ग ने लिया भाग
PURNEA NEWS — फिट पूर्णिया अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से विश्व साइकिल दिवस के मौके पर पूर्णिया डिस्ट्रिक्ट साइक्लिंग एसोसिएशन ने एक विशाल साइकिल रैली का आयोजन किया, जिसमें शहर के सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। रैली की खास बात यह रही कि इसमें समाज के हर तबके के लोगों की भागीदारी देखने को मिली। चिकित्सकों से लेकर कारोबारियों, पूर्व पुलिस अधिकारियों से लेकर राष्ट्रीय स्तर के साइक्लिस्ट तक — सभी ने साइकिल चलाकर यह दिखाया कि फिट रहने की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है। डॉ. आलोक कुमार और डॉ. अंगद चौधरी जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सकों ने रैली में भाग लेकर यह संदेश दिया कि साइकिलिंग न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन भी लाती है। वहीं व्यवसायी मनोज पाटोदिया, आलोक लोहिया, सुनील लोहिया और दीपक कुमार ने बताया कि व्यस्त जीवन में साइकिलिंग को अपनाकर तनाव और बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। रैली में सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक अरविंद झा, सुरेंद्र कुमार सरोज और परिमल सिंह ने भी भाग लिया और यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि उम्र कोई बाधा नहीं, यदि इच्छाशक्ति हो तो हर कोई फिट रह सकता है। जागरूकता अभियान में राणा प्रताप सिंह और नंदकिशोर सिंह भी सक्रिय रूप से लगे रहे। रैली का नेतृत्व एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन सिंह और अन्य पदाधिकारियों — शशांक शेखर सिंह, मुरारी सिंह, निशित कुमार, राकेश राजपूत, राजीव सिंह, राजू झा और अक्षत — ने किया। राष्ट्रीय साइक्लिस्ट प्रणव प्रवीण, हृतिक राज, शालिनी कुमारी और यस देव ने बच्चों को साइक्लिंग को खेल के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस रैली में रेसलर अमरकांत झा ने भी भाग लिया और लोगों से साइकिल चलाने की अपील की। वहीं आम्रपाली यूथ हॉस्टल की अध्यक्षा और शिक्षिका मीना सिंह ने महिलाओं को साइक्लिंग से जोड़ने के लिए प्रेरित किया और बताया कि कैसे यह खेल महिलाओं के लिए भी एक सशक्त माध्यम बन सकता है। संगठन के वरिष्ठ सदस्य विजय शंकर ने जोर देकर कहा कि “फिट पूर्णिया” सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिसे हम सभी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे रोजमर्रा की जरूरतों के लिए साइकिल का इस्तेमाल करें और अपने बच्चों को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने यह भी कहा कि साइक्लिंग एक उभरता हुआ खेल है, जिसमें तकनीक, अनुशासन और समर्पण के साथ प्रयास करने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचा जा सकता है। विश्व साइकिल दिवस पर पूर्णिया की यह रैली न सिर्फ एक आयोजन, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत रही — स्वस्थ समाज, स्वच्छ पर्यावरण और जागरूक नागरिकता की ओर।