SAHARSA NEWS,अजय कुमार : जिले के गांवों में बदलाव की लहर अब केवल अनुभव नहीं, बल्कि एक प्रेरक सत्य बनकर उभरी है । महिला स्वावलंबन और सशक्तिकरण की झलक जिले में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रमों में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है । इन कार्यक्रमों में गरीब तबके से लेकर योजनाओं का लाभ उठाकर आत्मनिर्भर बनी महिलाएं, और उच्च व व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहीं छात्राएं अपने अनुभव साझा कर रही हैं । ये महिलाएं और छात्राएं समाज के हर वर्ग को तरक्की के लिए प्रेरित कर रही हैं ।गांव के किसी नुक्कड़, चौराहे या सामुदायिक स्थल पर आयोजित इन कार्यक्रमों में महिलाएं अपनी भाषा में बदलाव की कहानियां बयां करती हैं।यह संवाद न केवल महिलाओं को सशक्त कर रहा है, बल्कि पुरुषों को भी प्रेरित कर रहा है । उपस्थित पुरुष वर्ग अपने गांव की महिलाओं के जरिए नई योजनाओं और सुविधाओं की सिफारिश करते हुए विकास कार्यों को गति देने की मांग कर रहा है ।महिला संवाद कार्यक्रम, बिहार सरकार की एक अनूठी पहल है, जिसे ग्रामीण विकास विभाग के तत्वावधान में जीविका द्वारा संचालित किया जा रहा है । यह कार्यक्रम जीविका के ग्राम संगठनों के माध्यम से प्रतिदिन सुबह और शाम आयोजित हो रहा है । लगभग पचास दिनों की यह यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने शिक्षा, अधिकार, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, और जीविका समूह से जुड़े बदलावों पर चर्चा की है ।सलखुआ प्रखंड के साम्हर खुर्द पंचायत के ताजपुर गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में अनीता देवी ने कम दाम पर सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने की मांग की । इस मांग को सभी महिलाओं और छात्राओं ने समर्थन दिया।महिला संवाद कार्यक्रम में राज्य की महिला सशक्तिकरण योजनाओं पर आधारित लघु फिल्में और दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे हैं । इन फिल्मों और दस्तावेजों के माध्यम से महिलाओं को योजनाओं की सफलता और उनके लाभ के बारे में जागरूक किया जा रहा है । सरकार की योजनाओं से प्रेरित होकर महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं ।कार्यक्रम के समापन के साथ, महिलाओं की आकांक्षाओं और मांगों को विभागवार सूचीबद्ध कर उनकी पूर्ति की प्रक्रिया भी जारी है । महिला संवाद कार्यक्रम न केवल महिलाओं के अधिकारों की बात करता है, बल्कि उनके सपनों और उनके भविष्य को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।