नई दिल्ली

NEW DELHI : आतंकियों के परिवार को नौकरी नहीं’: राज्यसभा में शाह का सख्त बयान, लाल चौक का जिक्र

NEW DELHI : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के हालात पर बोलते हुए सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा, “आतंकियों और पत्थरबाजों के परिजनों को हम सरकारी नौकरी नहीं देते। अगर कोई परिवार आतंकी गतिविधियों की सूचना देता है, तो उसे राहत दी जाएगी।” शाह ने श्रीनगर के लाल चौक का जिक्र करते हुए कहा, “पहले वहाँ तिरंगा फहराना मुश्किल था, आज हर घर पर तिरंगा लहरा रहा है।”

कश्मीर में बदलाव पर जोर

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान शाह ने कहा कि धारा 370 हटने के बाद आतंकवाद पर लगाम लगी है। “2018 में 228 आतंकी घटनाएँ थीं, जो 2024 में घटकर 40 से कम रह गईं। पहले आतंकियों का जनाजा निकलता था, अब ऐसा नहीं होता।” उन्होंने लाल चौक को शांति का प्रतीक बताते हुए कहा कि वहाँ अब गणपति उत्सव और जन्माष्टमी धूमधाम से मनाई जाती हैं।

विपक्ष पर निशाना

शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस पर तंज कसा। “कुछ लोग आतंकियों को बिरयानी खिलाते थे, हम उन्हें आत्मसमर्पण का मौका देते हैं, वरना मार गिराते हैं।” यह बयान उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के पुराने बयानों की ओर इशारा माना जा रहा है।

जनता की प्रतिक्रिया

X पर एक यूजर ने लिखा, “शाह का बयान सही है, आतंक को बढ़ावा देने वालों को सजा मिलनी चाहिए।” वहीं, विपक्षी नेताओं ने इसे “सियासी ड्रामा” करार दिया। क्या यह नीति कश्मीर में और शांति लाएगी? नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।

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