Wakf Amendment Bill : वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर संसद में चल रही बहस के बीच एक पुराना बयान चर्चा में आ गया है। साल 2010 में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने संसद में वक्फ बोर्ड पर जमीनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था, “वक्फ बोर्ड गरीबों और किसानों की जमीनों पर कब्जा कर रहा है, यह गलत है।” उस वक्त लालू की यह टिप्पणी वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली थी। लेकिन 14 साल बाद, 2024 में वही लालू और उनकी पार्टी वक्फ बोर्ड के “रक्षक” बनकर सामने आए हैं, जो वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक, जो आज लोकसभा में पेश होने जा रहा है, वक्फ बोर्ड के प्रबंधन में पारदर्शिता और गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने जैसे बदलावों का प्रस्ताव करता है। सरकार इसे सुधार का कदम बता रही है, लेकिन विपक्ष, जिसमें आरजेडी, कांग्रेस और टीएमसी शामिल हैं, इसे धार्मिक स्वायत्तता पर हमला करार दे रहा है। लालू की पार्टी अब वक्फ बोर्ड के पक्ष में खड़ी है और इसे “मुस्लिम हितों की रक्षा” से जोड़ रही है। यह बदलाव राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने तंज कसते हुए कहा, “2010 में लालू वक्फ बोर्ड को जमीन हड़पने वाला बता रहे थे, आज वही इसके सबसे बड़े पैरोकार बन गए हैं। यह अवसरवादिता की मिसाल है।” वहीं, आरजेडी का कहना है कि मौजूदा संशोधन संविधान के खिलाफ है और वे इसका विरोध जारी रखेंगे। यह विरोधाभास वक्फ विधेयक की बहस को और गर्म करने वाला है।