PURNIA NEWS : आज पर्यवेक्षण गृह पूर्णिया के प्रांगण में जिला आपदा प्रबंधन एवं जिला बाल संरक्षण इकाई पूर्णिया के मार्गदर्शन में और यूनिसेफ बिहार इंटर एजेंसी जीपीएसवीएस के तकनीकी सहयोग से आगलगी और गर्म हवा (लू) से सुरक्षा विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिला अग्निशमन पूर्णिया के पदाधिकारी ने रसोई गैस तथा बिजली से लगने वाली आग के कारण, आग से सुरक्षा एवं आग बुझाने के तरीकों को मॉक ड्रिल के माध्यम से समझाया। उन्होंने बताया कि शरीर में आग लगने पर भागना नहीं चाहिए, बल्कि “रुको, लेटो और जमीन पर लुढ़को” की क्रिया करनी चाहिए। जिला सलाहकार कमल कामत ने कहा कि पूर्णिया बहु-आपदा प्रवण जिला है जहां गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही आगलगी और हीट वेव (लू) की घटनाएं तेजी से बढ़ जाती हैं। उन्होंने बताया कि हीट वेव प्राकृतिक एवं स्वास्थ्य जनित आपदा है जो मानव और पशु जीवन को नुकसान पहुंचाती है।
प्रशिक्षण में लू के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया गया, जिनमें चक्कर आना, बेहोशी, सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी, उल्टियां, त्वचा का सूखापन, आंखों का लाल होना और मूत्र संबंधी समस्याएं शामिल हैं। लू से बचाव के लिए कई उपाय सुझाए गए, जैसे आंख, नाक और कान की सुरक्षा, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन, तौलिया/गमछा भिगोकर सिर पर रखना, चेहरा ढंककर और पूरे कपड़े पहनकर घर से बाहर निकलना। साथ ही, नींबू पानी, शिकंजी या लस्सी का सेवन और पानी की अधिक मात्रा वाले फलों जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी, खरबूजा, संतरा आदि का सेवन करने की सलाह दी गई। इस प्रशिक्षण में अधीक्षक श्री धर्मेंद्र कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी विवेक कुमार, हाउस फादर चंदन कुमार, मोहम्मद जमरूल, संजीव कुमार और ललन कुमार सहित अन्य कर्मियों ने भाग लिया।