पूर्णिया

PURNIA NEWS :10 मई 2025 के राष्ट्रीय लोक अदालत हेतु बैंक व अन्य विभागों के अधिकारियों को दिए गए दिशा निर्देश

PURNIA NEWS विधि संवाददाता : 10 मई 2025 को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक मामलों के निष्पादन हेतु प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पूर्णिया कन्हैयाजी चौधरी के निर्देशनुसार 16 अप्रैल को 01:35 बजे अपराह्न प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रमोद रंजन की अध्यक्षता एवं सुनील कुमार अवर न्यायाधीश तृतीय की उपस्थिति में जिला नीलाम पदाधिकारी एवं बैंक अधिकारियों के साथ बैठक की गयी। जिसमें वरीय उपसमाहर्ता सह जिला नीलाम पदाधिकारी अभिषेक रंजन, जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक भारतीय स्टेट बैंक शैलेश कुमार, उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक पूर्णियों से राजकिरण वत्स, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के डी०सी०ओ० आशुतोष कुमार झा, केनरा बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक दशरथ कुमार, पंजाब नेश्नल बैंक के डी०सी०ओ० पंचानंद मंडल, बैंक ऑफ बड़ौदा के वरीय प्रबंधक धनंजय कुमार झा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक प्रवेन्द्र कुमार, दि डिस्ट्रीक्ट सेन्ट्रल कॉ-ऑपरेटिव बैंक के वरीय प्रबंधक मो० नजीर हुसैन एवं इंडियन ओवरसीज बैंक के सक्षम बैंक अधिकारी गण बैठक में उपस्थित हुए। बैठक में प्रभारी सचिव द्वारा निर्देश दिया गया कि सुलहनीय प्रकृति के मामलों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हित करें। चिन्हित मामलों में पक्षकारों को यथाशीघ्र नोटिस जारी करें।

सभी बैंक शाखा परिसर में बैनर लगवाएँ। समय-समय पर ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार-प्रसार करवाएं। ज्ञात हो कि 11 अप्रैल 2025 को श्रम विभाग से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी शुभम प्रियदर्शी, विधिक माप विज्ञान से शिशिर कुमार, विद्युत विभाग से सहायक विद्युत अभियंता रोहित कुमार कौशिक एवं भारत संचार निगम लि० पूर्णिया के अनुमंडल पदाधिकारी ज्योति कुमारी के साथ बैठक कर आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गए थे। इस वर्ष के दूसरे राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय पूर्णिया के साथ-साथ अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय बनमनखी, धमदाहा एवं बायसी में भी किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में शमनीय आपराधिक, एन०आई० एक्ट, बैंक ऋण वसूली संबंधित, मोटर दुर्घटना बीमा दावा वाद, श्रम विवाद, बिजली एवं पानी बिल, वैवाहिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भू-अधिग्रहण, वेतन एवं पेंशन संबंधित, उपभोक्ता से संबंधित, राजस्व से संबंधित मामले एवं अन्य दीवानी वादों का सुलह समझौते के आधार पर निपटारा किया जाएगा।

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