Waqf Amendment Bill LIVE : जदयू के बाद लोजपा को झटका, समर्थन से नाराज नेता ने दिया इस्तीफा
Waqf Amendment Bill LIVE : वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के पारित होने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दलों में अंदरूनी असंतोष बढ़ता जा रहा है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा-रामविलास) को भी झटका लगा है। वक्फ बिल के समर्थन से नाराज लोजपा के एक प्रमुख नेता ने गुरुवार देर रात पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह घटना एनडीए के भीतर बढ़ते तनाव और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं की नाराजगी को उजागर करती है।
इस्तीफे का कारण
लोजपा नेता ने अपने इस्तीफे में वक्फ बिल के समर्थन को मुख्य कारण बताया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान को लिखे पत्र में कहा कि यह बिल अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है और इससे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर चोट पहुंचती है। नेता ने यह भी आरोप लगाया कि बिल को जल्दबाजी में पारित करवाकर सरकार और गठबंधन दलों ने संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी की है। हालांकि, इस्तीफा देने वाले नेता का नाम और आधिकारिक बयान अभी सामने नहीं आया है, लेकिन यह खबर लोजपा के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है।
जदयू में भी बगावत
इससे पहले जदयू में भी वक्फ बिल के समर्थन को लेकर बगावत देखने को मिली थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद कासिम अंसारी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक सहित चार नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। इन नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा था कि बिल ने मुस्लिम समुदाय के प्रति उनके भरोसे को तोड़ा है और यह संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। जदयू के सांसद ललन सिंह के लोकसभा में बिल के समर्थन में दिए गए भाषण को भी नेताओं ने “अपमानजनक” करार दिया था।
लोजपा का रुख
लोजपा (रामविलास) ने संसद में वक्फ बिल का समर्थन किया था। पार्टी सांसद शांभवी चौधरी ने लोकसभा में कहा था कि यह बिल संवैधानिक है और इसका मकसद वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाना है। हालांकि, पार्टी के इस रुख से उसके अल्पसंख्यक नेताओं में असंतोष बढ़ता दिख रहा है। बिहार में लोजपा की मजबूत पकड़ और मुस्लिम-दलित गठजोड़ उसकी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा रहा है, ऐसे में इस इस्तीफे से उसकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है।
एनडीए में संकट के संकेत
वक्फ बिल को लेकर जदयू और लोजपा जैसे सहयोगी दलों में उभरता असंतोष एनडीए के लिए चिंता का सबब बन सकता है। खास तौर पर बिहार में, जहां विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, यह मुद्दा विपक्ष के लिए हथियार बन सकता है। राजद और कांग्रेस पहले ही इस बिल को अल्पसंख्यक विरोधी बताकर सरकार पर हमला बोल चुके हैं। कांग्रेस ने तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान भी कर दिया है।