पूर्णिया: पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने दिल्ली में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर सीमांचल की दशकों पुरानी उपेक्षा को दूर करने की मांग उठाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि पूर्णिया, जो सीमांचल का वाणिज्यिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य केंद्र बन चुका है, आज भी बुनियादी शहरी सुविधाओं की भारी कमी से जूझ रहा है। पप्पू यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या वाले पूर्णिया नगर निगम को स्मार्ट सिटी और AMRUT जैसी योजनाओं में शामिल करना वक्त की ज़रूरत है।
हर साल आने वाली बाढ़ और जलजमाव की त्रासदी आम लोगों की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर देती है और संक्रमण जैसी बीमारियों को जन्म देती है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत गरीब और प्रवासी परिवारों को अधिक संख्या में मकान स्वीकृत करने की मांग की, जिससे हर परिवार को छत मिले और शहरी गरिमा का अनुभव हो। यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए उन्होंने आधुनिक बस टर्मिनल और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की जरूरत पर भी बल दिया।
सिर्फ पूर्णिया ही नहीं, बल्कि सीमांचल के अन्य महत्वपूर्ण नगर—बायसी, किशनगंज, धमदाहा और बनमनखी—को भी शहरी विकास योजनाओं से जोड़ने की मांग करते हुए उन्होंने इन क्षेत्रों को क्षेत्रीय सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि सीमांचल की विशेष सामाजिक और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक समग्र विकास योजना तैयार की जाए। उन्होंने भरोसा जताया कि यदि यह मांगें पूरी होती हैं, तो पूर्णिया और सीमांचल का चेहरा बदल जाएगा और यहां के नागरिक भी दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों की तरह सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

