सहरसा

SAHARSA NEWS : गायत्री शक्तिपीठ में व्यक्तित्व परिष्कार सत्र आयोजित

SAHARSA NEWS सहरसा,अजय कुमार : गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को चरित्र निर्माण को लेकर व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया।इस सत्र को संबोधित करते हुए डा अरुण कुमार जायसवाल ने कहा18 की उम्र को टीन एजर कहेंगे। यह किशोर अवस्था है और 18 से उपर युवा अवस्था है। किशोर अवस्था में वायोलोजिकल,साइकोलॉजिकलऔर हार्मोनिकल और बहुत तरह का सोच, विचार, व्यवहार और चलने फिरने का तरिका बदल जाता है।उस समय कोई समाधान देनेवाला समझानेवाला चाहिए। क्योंकि उसी समय उसकी वृति -प्रवृत्ति आदत खराब हो जाती है।उस समय उसकी जरूरत है गायत्री माता की क्योंकि गायत्री माता अनगढ से सुगढ बनानेवाली है,क्योंकि हमारे वृति को त्राण देनेवाली है।यही समय है उस वृति को सही दिशा देने की। माता निर्माता होती है।माता प्रथम गुरु होती है। उस समय कोई न कोई आईडियल होता है।टीन एजर में कोई न कोई सपोर्ट चाहिए, आधार चाहिए। यह बहुत जरूरी है।अगर उस समय सही सपोर्ट मिलेगा तो आदमी कहां से कहां पहुंच जाएगा।

सभी के मां बाप को किशोरावस्था के लिए सोचना चाहिए।उस समय आईडिया और आईडियल होना चाहिए। आईडियल मतलब अच्छे विचार प्रतिदिन गायत्री मंदिर में आकर साधना करना पडता है।तब विचार मिलता है। निगेटिव सोच बदल जाएगा। हमेशा पोजिटिव रहिए । इस अवसर पर लीना सिन्हा ने सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा यदि आप व्यक्तित्व निर्माण करना चाहते हैं तो आपको प्रयत्न करना होगा । यदि आप मन की तरंग को नियंत्रित कर लेते हैं तो आपको अपनी मंजिल मिल जाएगी, इसलिए कहा गया है जहाँ चाह वहां राह। चाहत के कारण ही मंज़िल मिल जाएगी। यदि गुरु मे श्रद्धा औऱ विश्वास है तो आपकी चेतना की शिखर यात्रा जरूर पूरी होगी l

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