पटना: Bihar News बिहार की नई फिल्म प्रोत्साहन नीति अब धीरे-धीरे उस दिशा में रंग ला रही है जिसकी कल्पना राज्य सरकार ने की थी—बिहार को फिल्म निर्माण के एक मजबूत केंद्र के रूप में स्थापित करना। इसका सबसे प्रभावशाली उदाहरण हाल ही में सामने आई हिंदी थ्रिलर फिल्म ‘टिया’ है, जिसकी पूरी शूटिंग बिहार के अलग-अलग हिस्सों में की जा रही है, और यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। फिल्म का निर्देशन राव देवेंद्र सिंह कर रहे हैं, जबकि मुख्य भूमिकाओं में बॉलीवुड अभिनेता दर्शन कुमार और वेब सीरीज ‘काली काली आंखें’ से चर्चित आंचल सिंह नजर आएंगे। एक महत्वपूर्ण भूमिका में बाल कलाकार ईरा सिन्हा भी दिखाई देंगी।
फिल्म की शुरुआत वाल्मीकिनगर के घने जंगलों और प्राकृतिक स्थलों से हुई, और अब शूटिंग राजधानी पटना के कई प्रमुख लोकेशनों जैसे मरीन ड्राइव, बोरिंग रोड और इस्कॉन मंदिर में चल रही है। खास बात यह है कि इस परियोजना में स्थानीय तकनीकी स्टाफ, कलाकारों और संसाधनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और अनुभव दोनों प्राप्त हुआ है। फिल्म के निर्माता सागर श्रीवास्तव ने बिहार सरकार की फिल्म नीति की खुले शब्दों में प्रशंसा करते हुए बताया कि उन्हें न केवल सरकारी स्तर पर मदद मिली, बल्कि स्थानीय जनता और पंचायतों से भी अभूतपूर्व सहयोग मिला, जिसने पूरी टीम को भावनात्मक रूप से जोड़े रखा।
‘टिया’ के लिए घोटवा टोला जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी सेट तैयार किए गए, जहाँ स्थानीय निवासियों ने जमीन और सेवाएं निःशुल्क दीं। जीविका दीदियों द्वारा टीम के लिए भोजन की व्यवस्था की गई और स्थानीय मजदूरों ने सेट निर्माण में भागीदारी निभाई। इससे यह साफ है कि फिल्म निर्माण केवल रचनात्मक प्रक्रिया नहीं रह गई, बल्कि यह ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और पर्यटन को भी मजबूती दे रही है। इसके अलावा, फिल्म का कथानक भी बिहार की पृष्ठभूमि को बखूबी दर्शाता है, जिससे यह राज्य के सांस्कृतिक मानचित्र को राष्ट्रीय पटल पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में एक कदम है।
सूत्रों के अनुसार, राज्य में वर्तमान में 14 फिल्मों की शूटिंग को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से कई पर कार्य शुरू हो चुका है और कुछ जल्द ही फ्लोर पर जाएंगी। ‘टिया’ के निर्माताओं ने नवंबर में फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज होने की उम्मीद जताई है। इस परियोजना की सफलता ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बिहार अब न केवल रचनात्मक सोच के लिए उर्वर भूमि बन रहा है, बल्कि बॉलीवुड की निगाहें भी अब मुंबई से आगे बढ़कर गंगा के किनारे बसे इस राज्य की ओर मुड़ रही हैं।