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पूर्णिया

पूर्णियाँ कॉलेज परीक्षा प्रबंधन पर प्रश्नचिन्ह, छात्रों ने की उच्च स्तरीय जांच की अपील

पूर्णियाँ, किशन भारद्वाज: पूर्णियाँ कॉलेज में गुरुवार को स्नातक (यूजी) सेमेस्टर-4 सत्र 2023-27 के अंतर्गत आयोजित होने वाली सीआईए (CIA) परीक्षा में भारी अव्यवस्था देखी गई। निर्धारित समय सुबह 7:30 बजे तक परीक्षा केंद्र पर न तो कोई शिक्षक उपस्थित था और न ही प्राचार्य अथवा कोई अन्य प्रशासनिक अधिकारी। इस अव्यवस्था से परीक्षा देने पहुंचे 1500 से अधिक छात्र-छात्राओं में गहरी नाराजगी फैल गई। छात्रों के अनुसार वे समय से परीक्षा केंद्र पर पहुंच चुके थे, लेकिन परीक्षा आयोजित कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। कई छात्रों ने कॉलेज के प्राचार्य व अन्य अधिकारियों को लगातार कॉल किए, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में अधिकारियों के मोबाइल स्विच ऑफ हो गए, जिससे छात्रों का असंतोष और भी बढ़ गया।

स्थिति तब और गंभीर हो गई जब कॉलेज प्रशासन की ओर से किसी पदाधिकारी ने छात्रों से कहा कि वे घर लौट जाएं और बाद में उनके अंकों की व्यवस्था कर दी जाएगी। इस बयान से छात्रों में रोष भड़क उठा। छात्रों ने सवाल उठाया कि बिना परीक्षा आयोजित किए अंक देने की प्रक्रिया कैसे अपनाई जा सकती है? इस परिपाटी का नियम, अधिकार और वैधता क्या है?

छात्रों ने इस पूरे प्रकरण को लेकर पूर्णिया विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण पदाधिकारी को लिखित ज्ञापन सौंपा है। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन के एक शिक्षक ने उन्हें फोन पर बताया कि जिन छात्रों ने अपने मेजर विषय की परीक्षा दी है, उनके आधार पर ही अन्य विषयों के अंक भी दिए जाएंगे। इस पर छात्रों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि क्या शेष विषयों की परीक्षा के बिना सेमेस्टर का संपूर्ण मूल्यांकन किया जा सकता है?

कॉलेज प्रशासन की इस लापरवाही ने छात्रों के शैक्षणिक भविष्य पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। छात्रों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुरोध किया है कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं रोकने के लिए स्पष्ट एवं ठोस दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

इस संबंध में कॉलेज प्रशासन ने ‘अपरिहार्य कारणों’ का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि 19 जून को परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। अब इस परीक्षा की तिथि पुनर्निर्धारित कर आगामी 22 जून 2025 को परीक्षा आयोजित की जाएगी। छात्रों ने प्रशासनिक सफाई को नाकाफी बताया है। उनका कहना है कि यह केवल परीक्षा स्थगन का मामला नहीं, बल्कि पूरी कॉलेज प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीर विफलता को उजागर करता है। यदि समय रहते दोषियों की जवाबदेही तय नहीं हुई तो छात्रों को भविष्य में और भी गंभीर नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

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