ARARIA NEWS,प्रिंस कुमार : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण के तहत जिले की छह विधानसभा सीटों पर मंगलवार को शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने के बाद, अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं। चुनावी विश्लेषण के अनुसार, जिले की अधिकांश सीटों पर कड़ा और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।
पिछले चुनाव का समीकरण
पिछले चुनाव में अररिया जिले का परिणाम मिश्रित रहा था:
भाजपा: फारबिसगंज, नरपतगंज, और सिकटी।
जदयू: रानीगंज।
एआईएमआईएम: जोकीहाट।
कांग्रेस: अररिया।
प्रमुख सीटों पर मुकाबला
1. फारबिसगंज (48)
इस सीट पर मुख्य लड़ाई कांग्रेस के मनोज विश्वास और भाजपा के सिटिंग विधायक विद्यासागर केसरी के बीच है। यहां एमवाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण का एक साथ आना और अतिपिछड़ा वर्ग के वोटों में संभावित सेंधमारी निर्णायक साबित हो सकती है।
2. नरपतगंज (46)
यहां भी मुख्य मुकाबला भाजपा की देवंती यादव और राजद के मनीष यादव के बीच होने के आसार हैं। दोनों गठबंधन के बीच कड़ा संघर्ष है।
3. सिकटी (51)
यह सीट भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है, जहां सिटिंग विधायक व मंत्री विजय कुमार मंडल का मुकाबला वीआईपी से हरिनारायण प्रमाणिक से है। विजय कुमार मंडल अपनी मजबूत पकड़ के कारण लगातार तीसरी बार जीत की उम्मीद में मजबूत स्थिति में हैं।
4. जोकीहाट (50) – बहुकोणीय संघर्ष
यह सीट जिले में सबसे अधिक पेचीदा है, जहां मुकाबला बहुकोणीय है।
राजद: शाहनवाज आलम
जदयू: पूर्व मंत्री मंजर आलम
जनसुराज: पूर्व सांसद सरफराज आलम
एआईएमआईएम: मुर्शीद आलम यहां पूर्व सांसद स्व. तसलीमुद्दीन के दोनों पुत्र (शाहनवाज आलम और सरफराज आलम) मैदान में हैं। पिछले चुनाव में यह सीट जीतने वाले शाहनवाज आलम इस बार राजद के प्रत्याशी हैं। मुस्लिम वोटों में बिखराव और हिंदू वोटों की गोलबंदी ही इस सीट पर जीत का कारण बनेगी।
5. अररिया (49) – त्रिकोणीय टक्कर
अररिया सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। कांग्रेस के सिटिंग विधायक आबिदुर्र रहमान, जदयू से शगुफ्ता अजीम, और निर्दलीय पूर्व आईपीएस शिवदीप लांडे मैदान में हैं। महागठबंधन और एनडीए के कोर वोट में बिखराव की संभावनाओं के कारण मुकाबला कांटे का हो सकता है।
6. रानीगंज (47)
इस सीट पर जदयू के सिटिंग विधायक अजमित ऋषिदेव और राजद से अविनाश मंगलम के बीच सीधा मुकाबला है।

