PATNA NEWS: बिहार दिवस के मौके पर आज राज्य में 113 साल पूरे होने का जश्न छाया हुआ है। 22 मार्च 1912 को बंगाल से अलग होकर बिहार एक स्वतंत्र राज्य बना था, और इस खास दिन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता के नाम एक भावुक संदेश के साथ यादगार बनाया। पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मुख्य समारोह में नीतीश ने कहा, “हम एक गौरवशाली भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं। बिहार की मिट्टी में इतिहास और संस्कृति का गहरा रंग है, और इसे हम नई ऊँचाइयों तक ले जाएँगे।” उन्होंने पिछले 20 सालों में बिहार की प्रगति का ज़िक्र करते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढाँचे में सुधार को अपनी सरकार की उपलब्धि बताया। नीतीश ने कहा, “2005 में जब हमने सत्ता संभाली, बिहार बदहाली में था। आज सड़कें, बिजली और स्कूल हर गाँव तक पहुँचे हैं।”
उन्होंने बिहार की जनता से एकजुटता की अपील की और कहा, “हमें जाति-धर्म से ऊपर उठकर बिहार को देश का नंबर वन राज्य बनाना है।” इस मौके पर नीतीश ने ‘सात निश्चय पार्ट-2’ के तहत नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा की, जिसमें ग्रामीण इलाकों में 50 नए स्वास्थ्य केंद्र और पटना में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सांस्कृतिक केंद्र शामिल है। समारोह में बिहार के लोक कलाकारों ने प्रस्तुति दी, जिसे नीतीश ने सराहा। उन्होंने कहा, “हमारी कला और संस्कृति हमारी ताकत है।” बैंकों और सरकारी दफ्तरों में छुट्टी के बीच पटना की सड़कों पर रंगारंग परेड और झाँकियाँ निकलीं, जिनका उद्घाटन नीतीश ने हरी झंडी दिखाकर किया। क्या यह उत्सव बिहार को नई दिशा देगा? नज़रें अब उनके वादों पर टिकी हैं।