PURNIA NEWS : हमारी लोक संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना अनिवार्य है – विश्वजीत कुमार सिंह
PURNIA NEWS : कला भवन, नाट्य विभाग पूर्णिया में आदिवासी समुदाय के कलाकारों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता नाट्य विभाग के संयोजक एवं वरिष्ठ रंगकर्मी श्री विश्वजीत कुमार सिंह ने की, जो बिहार कला पुरस्कार, भिखारी ठाकुर अवार्ड तथा राष्ट्रीय लोक विद पुरस्कार से सम्मानित हैं। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जनजाति लोक कला और बिहार की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर विचार-विमर्श करना था। बैठक में सर्वप्रथम जमुई में आयोजित बिरसा मुंडा के जन्म दिवस समारोह का उल्लेख किया गया, जिसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का स्वागत कर्मा नृत्य के माध्यम से किया गया था। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने नाट्य विभाग के आदिवासी कलाकार पवन एक्का के हाथों से खंजरी लेकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया था। इसके साथ ही, लखनऊ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय आदिवासी उत्सव 2024 में भागीदारी के लिए सभी कलाकारों को बैठक में मानदेय का भुगतान किया गया।
नाट्य विभाग के संयोजक विश्वजीत कुमार सिंह ने कहा, “हमारी लोक संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना अनिवार्य है। जनजाति समुदाय की लोक परंपरा को जीवंत रखना और उसे सजाना हमारा दायित्व है।” उन्होंने बताया कि कला भवन नाट्य विभाग ने आदिवासी समुदाय के कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुति कराकर बिहार के आदिवासी कलाकारों को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने यह भी सूचित किया कि बिहार की लोक संस्कृति और जनजातीय लोक कला के उत्थान एवं संरक्षण हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। नाट्य निर्देशक कुंदन कुमार सिंह ने कहा कि लोक जनजातीय कलाकारों को आगे लाने और उनकी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास कला भवन, नाट्य विभाग द्वारा निरंतर किया जा रहा है। बैठक में जनजाति लोक कला और बिहार की लोक संस्कृति के उत्थान एवं संरक्षण के लिए 10 दिवसीय कार्यशाला के आयोजन पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में नाट्य निर्देशक कुंदन सिंह, पवन एक्का, अंजनी कुमार श्रीवास्तव, गरिमा कुमारी, शिवाजी राम राव, चंदन कुमार, सबीना मिंज, जसिंता लकड़ा, मल्लिका एक्का, अनिया मिंज, जगरानी लकड़ा, शोभा टोप्पो, उपेन्द्र मिंज, कुंदन टोप्पो, दिलचंद लकड़ा, रोहित कुजूर आदि कलाकार उपस्थित थे।