Mahakumbh 2025
महा कुम्भ

Mahakumbh 2025: किन्नर अखाड़े से ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निष्कासित किया गया, संस्थापक ने देशद्रोह का आरोप लगाया

  • प्रयागराज उ. प्र: Mahakumbh 2025 फिल्म ‘करण अर्जुन’ की अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से एक बड़ा झटका लगा है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने 30 जनवरी 2025 को एक बयान जारी करते हुए ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित करने का फैसला लिया। ऋषि अजय दास का कहना है कि बिना उनकी अनुमति के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता को महामंडलेश्वर बना दिया, जो अखाड़े की परंपराओं और नैतिकता के खिलाफ था। इसके साथ ही, उन्होंने ममता पर देशद्रोह का भी आरोप लगाया, जो इस पूरे घटनाक्रम को और भी विवादास्पद बना रहा है।
  • ऋषि अजय दास ने कहा कि ममता कुलकर्णी का महामंडलेश्वर बनना असंवैधानिक और धर्मविरोधी था, क्योंकि ममता का फिल्मी ग्लैमर से जुड़ा इतिहास और उनके खिलाफ चल रहे विवादों को ध्यान में रखते हुए इस पद का कोई औचित्य नहीं बनता था। उन्होंने ममता पर आरोप लगाया कि वह देशद्रोह में शामिल रही हैं, जो कि उनके लिए महामंडलेश्वर का पद प्राप्त करने के लिए एक गंभीर दोष था। ऋषि अजय दास ने ममता के संन्यास की प्रक्रिया को भी सवालों के घेरे में डाला। उन्होंने बताया कि जब किसी को महामंडलेश्वर बनाया जाता है, तो उन्हें वैजंती माला पहननी होती है, लेकिन ममता ने रुद्राक्ष की माला पहनी थी, जो संन्यास का प्रतीक होता है।
  • इसके अलावा, ममता ने बिना मुंडन कराए संन्यास की प्रक्रिया पूरी की, जो सनातन धर्म के अनुशासन और परंपराओं के खिलाफ है। ऋषि ने इसे समाज और धर्म के साथ एक छलावा बताया और कहा कि ममता का यह कदम सनातन धर्म और किन्नर समाज का अपमान कर रहा है। ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के बाद अपनी सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें किन्नर अखाड़ा इसलिए पसंद आया क्योंकि यह स्वतंत्र और बिना किसी बंधन के है, जैसा कि गौतम बुद्ध ने सांसारिक मोह माया छोड़कर ज्ञान की प्राप्ति की थी। ममता ने दावा किया था कि उन्हें महामंडलेश्वर बनने से पहले चार बार परीक्षा ली गई थी और संतों के सवालों का सही उत्तर देने के बाद ही उन्हें यह पद दिया गया था।
  • इस बीच, ममता और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के खिलाफ यह निर्णय कई सवालों को जन्म दे रहा है। किन्नर अखाड़े के इस फैसले ने जहां ममता के धार्मिक सफर पर सवाल उठाए हैं, वहीं यह कदम किन्नर समुदाय में भी चर्चाओं का विषय बना हुआ है। ममता के साथ-साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है, और अब किन्नर अखाड़ा नए नेतृत्व के साथ आगे बढ़ेगा। इस घटनाक्रम ने भारतीय धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं को लेकर कई विवादों को जन्म दिया है, और इससे किन्नर अखाड़े की आंतरिक राजनीति और परंपराओं पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

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