Bihar Assembly Session 2025: बिहार विधानसभा में सियासी महाभारत! वोटर लिस्ट पर तेजस्वी के वार से भड़के नीतीश, बोले – “बच्चा न बनो!”
पटना: Bihar Assembly Session 2025 : बिहार विधानसभा का बुधवार का दिन पूरी तरह सियासी तूफान में तब्दील हो गया! वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। सदन में जैसे ही तेजस्वी ने माइक संभाला, उन्होंने सीधे सरकार पर फर्जीवाड़े का आरोप ठोंक दिया – “क्या अब तक के चुनाव गलत थे? क्या नीतीश कुमार फर्जी सीएम हैं? क्या विधायक फर्जी तरीके से चुनकर आए हैं?” बस फिर क्या था! नीतीश कुमार का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। गुस्से में सीट से खड़े होकर बोले – “अरे जानते हो, बच्चा न हो! जब हम साथ में थे तब तो तारीफ करते नहीं थकते थे।
हमीं ने महिलाओं को 50% आरक्षण दिया, मुसलमानों के लिए काम किया, पटना की सड़कों पर शाम को डर लगता था, वो भी हमने बदला!” नीतीश ने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा – “जब तुम्हारे पापा सात साल मंत्री थे, मम्मी मुख्यमंत्री थीं, तब क्या कर लिए? बात करने से पहले सोचो।” तेजस्वी भी कहां पीछे हटने वाले थे! उन्होंने सरकार की नीयत और प्रक्रिया पर सीधा सवाल दागा – “वोटर लिस्ट में पारदर्शिता नहीं है। बीएलओ खुद दस्तावेजों पर साइन कर रहा है। चुनाव आयोग ने 11 डॉक्यूमेंट मांगे हैं, लेकिन गरीबों के पास न आधार है, न पासपोर्ट! राशन कार्ड और मनरेगा कार्ड को क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या गरीबों को लोकतंत्र से बाहर कर दोगे?” तेजस्वी ने प्रवासी बिहारी वोटरों का मुद्दा भी उठाया और कहा – “साढ़े चार करोड़ लोग बाहर रहते हैं लेकिन वोट डालने बिहार जरूर आते हैं।
अगर नाम लिस्ट से कट गया तो क्या होगा?” और फिर आया सबसे बड़ा तड़का – “दोनों डिप्टी सीएम अफवाह फैला रहे हैं कि बांग्लादेशी, नेपाली, म्यांमारी वोट डाल रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग तो खुद कह रहा है कि ऐसा कुछ नहीं है!” पूरे हंगामे में दिलचस्प ये रहा कि नीतीश कुमार ने वोटर लिस्ट रिवीजन पर सीधा जवाब देने से बचते रहे, जबकि सदन में गर्मी लगातार बढ़ती रही। विपक्ष ने नीतीश की चुप्पी को मुद्दा बनाकर जमकर हमला बोला। कुल मिलाकर विधानसभा का सत्र सियासी अखाड़ा बन गया – जहां सवाल थे, आरोप थे, तंज थे, और सियासत का चटपटा स्वाद भरपूर था