पूर्णिया

PURNEA NEWS : डाटा ऑपरेटर ललित कुमार दास की संदिग्ध मौत के विरोध में कैंडल मार्च, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप, की उच्चस्तरीय जांच की मांग

PURNEA NEWS : पूर्णिया जिले के सरसी थाना में तैनात डाटा ऑपरेटर ललित कुमार दास की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद पूरे इलाके में आक्रोश का माहौल है। शनिवार को उनका शव थाना परिसर के पास स्थित सरकारी क्वार्टर में फंदे से लटका हुआ मिला था। इस घटना के विरोध में सोमवार को पूर्णिया शहर में स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने एकजुट होकर कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में आम लोग, छात्र-युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और परिजन शामिल हुए। मार्च के दौरान लोगों ने “ललित को न्याय दो”, “सच्चाई सामने लाओ” जैसे नारे लगाए और दोषियों को सजा देने की मांग की। मार्च शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए समाहरणालय के समीप पहुंचा, जहां मृतक के परिजनों ने अपनी पीड़ा साझा की। मृतक के परिजनों ने इस मौत को आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए इसे एक सुनियोजित हत्या करार दिया है। उन्होंने कहा कि ललित मानसिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ थे और किसी भी तरह की परेशानी में नहीं थे। उनके बड़े भाई लाल बहादुर दास ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “यह आत्महत्या नहीं, हत्या है और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है।”

परिजनों ने राज्य सरकार और प्रशासन से मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। वहीं पुलिस का कहना है कि मामला बेहद संवेदनशील है और हर पहलू से जांच की जा रही है। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम को मौके पर बुलाया गया है और सबूतों की बारीकी से जांच की जा रही है। ललित कुमार दास लगभग दो वर्षों से सरसी थाना में कार्यरत थे और इसके पहले भवानीपुर थाना में भी सेवाएं दे चुके थे। परिजनों के अनुसार, थाने से मिलने वाले कार्यों का अत्यधिक दबाव उन पर था, जिससे वह तनाव में रहते थे। हालांकि, परिजनों का यह भी कहना है कि ललित ने कभी इस तनाव की बात गंभीर रूप से नहीं की थी। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और थानों में काम कर रहे कर्मचारियों की कार्य स्थितियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।पूर्णिया में निकाले गए इस कैंडल मार्च ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि लोग न्याय के लिए एकजुट हैं और हर संदिग्ध मौत की निष्पक्ष जांच की उम्मीद रखते हैं।

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