SAHARSA NEWS : जिलाधिकारी ने प्रेक्षा गृह में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार मुशायरा एवं कार्यशाला का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया
SAHARSA NEWS सहरसा,अजय कुमार : मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, उर्दू निदेशालय, बिहार पटना के निर्देश पर जिला प्रशासन सहरसा के तत्वाधान में आज शनिवार को प्रेक्षागृह सहरसा में फरोग -ए- उर्दू सेमिनार मुशायरा एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी वैभव चौधरी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। ईस अवसर पर अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, उपनिदेशक पंचायती राज, कोशी प्रमंडल, वरीय कोषागार पदाधिकारी -सह- प्रभारी पदाधिकारी जिला उर्दू भाषा कोषांग मुराद अली, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, सहायक कोषागार पदाधिकारी, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी एवं जिला के गणमान्य उर्दू प्रेमी उपस्थित थे। दीप प्रज्वलन के पश्चात प्रभारी पदाधिकारी ने मंच पर मौजूद सभी पदाधिकारी गण, गणमान्य उर्दू प्रेमियों, जिला के सभी क्षेत्रों से आए उर्दू शिक्षकों एवं छात्राओं का छात्रों का स्वागत किया। तदोपरांत जिला पदाधिकारी सहरसा द्वारा जिला उर्दू नामा सहरसा का विमोचन एवं पूर्व में आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता के सफल छात्र-छात्राओं के बीच प्रशस्ति पत्र का वितरण किया गया। जिला पदाधिकारी ने अपने भाषण में कहा कि उर्दू बिहार राज्य की दूसरी सरकारी भाषा है। इसका विकास करने के लिए बिहार सरकार फरोग -ए- उर्दू सेमिनार और मुशायरा करवाती है। इस दूसरी सरकारी भाषा के कार्यान्वयन की दृष्टि से सरकार ने सरकारी कार्यालयों में उर्दू नेम प्लेट लगाने का भी निर्देश दिया है।
जिस पर अमल हो रहा है। उन्होंने कहा कि उर्दू शहद से भी ज्यादा मीठी जुबान है, जिसकी मिठास का आनंद हम और आप आज के इस सेमिनार और मुशायरा में लेंगे। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि आप नशे से दूर रहें, सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल करें और उर्दू को अच्छी तरह पढ़ें, लिखें इससे आपका भविष्य उज्जवल होगा। फरोगे उर्दू सेमिनार के तहत सफदर इमाम कादरी, भूतपूर्व विभाग अध्यक्ष उर्दू, पटना विश्वविद्यालय मोहम्मद मंसूर आलम विभाग अध्यक्ष, उर्दू, आर एम कॉलेज सहरसा एवं शमीमा खातून असिस्टेंट प्रोफेसर एल सी कॉलेज पस्तवार ने आलेख प्रस्तुत किए। दूसरी पाली में शानदार मुशायरा कार्यक्रम संपन्न हुआ। मुशायरा में तबरेज हाशमी, अल्पना आनंद, आदर्श दुबे, जाहिद वफा, मुर्तजा नारियल्वी, साबिर मुबारक पूरी और अदीबा नाज ने अपनी शायरी से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मोहम्मद परवेज नसीम, अनुवाद पदाधिकारी उर्दू, मोहम्मद तजम्मुल हक, उर्दू अनुवादक, मोहम्मद आफताब आलम, उर्दू अनुवादक, मोहम्मद सलीम, उच्च वर्गीय लिपिक उर्दू, शिव शंकर प्रसाद,उच्च वर्गीय लिपिक हिंदी, प्रदीप प्रियदर्शी, निम्न वर्गीय लिपिक हिंदी एवं असलम अंसारी निम्न वर्गीय लिपिक उर्दू का योगदान सराहनीय रहा।