PURNEA NEWS ; बदलते मौसम का प्रभाव ना सिर्फ फसलों पर पड़ा है बल्कि इसका कुप्रभाव इस समय लोगों के सेहत पर भी काफी पर रहा है | अचानक मौसम के प्रभाव में जहाँ लाही और मधवा कीटाणु के प्रभाव से किसानों के फसलों को काफी नुकसान हो रहा है | वहीं इन कीटाणुओं से लोगों के आँखों पर भी काफी बुरा असर पर रहा है | धमदाहा अनुमंडल क्षेत्र में मधवा और लाही का सबसे ज्यादा कुप्रभाव इस समय सरसों, गेंहू एवं आम के फसलों पर परा है | सरसों एवं माघी के फसल में लाही लगने से किसानों की चिंता बढ़ गयी है । वहीं आम के फसलों में लगी मधवा और लाही को लेकर काफी चिंतित बने हुए हैं | मधवा और लाही के दुष्प्रभाव से इस समय सरसों की तैयार फसल काफी ज्यादा नष्ट होने लगा है । चुकी फसल अब तैयार होने के कगार पर पहुंच चुका है इसलिए किसान कुछ समझ ही नही पा रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ इसके कुप्रभाव से आम का मंजर फल लगने से पूर्व ही काफी खराब होकर पेड़ से झरने लगा है |
काफी मेहनत और रासायनिक दवाइयों का छिड़काव किये जाने के बावजूद आम के मंजर और फसलों से चिपके मधवा और लाही कीटाणु नहीं हट रहे हैं | किसान बताते हैं कि पूर्व में एक दो बार रासानियक दवाइयों का छिड़काव करने से मधवा और लाही कीटाणु हट जाते थे | परन्तु इस समय इन कीटाणुओं के अनुकूल मौसम के होने से इसपर इसका कोई प्रभाव नहीं पर रहा है |
वहीं दूसरी तरफ इस कीटाणुओं के वजह से लोगों के आँखों पर भी काफी बुरा असर पर रहा है | संध्या के समय बगैर चश्में के लोगों को सड़कों पर चलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पर रहा है | प्रगतिशील किसान कौशल किशोर सिंह उर्फ झब्बो बाबू, नारायण मंडल, रघुवंश प्रसाद सिंह उर्फ मुरारी, दमैली के किसान अमित चौधरी, कुकरन के विकास चौधरी आदि ने बताया कि आम के पेड़ों में मंजर देखकर काफी खुशी हुई थी । परंतु अचानक मधवा और लाही ने आम के मंजरों पर प्रकोप कर दिया । जिससे पेड़ो में आम लगने से पूर्व ही मंजर झड़कर नीचे गिरने लगा है । इस सम्बन्ध में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुशांत कुमार सौरभ ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से दवाइयों का छिड़काव कर इन कीटाणुओं के प्रकोप से बचा जा सकता है | उन्होंने बताया कि मंजर आने से पूर्व आम के किसानों को बागानों में दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए था और बगानो की सफाई भी करना चाहिए था |