पूर्णिया, अभय कुमार सिंह: PURNIA NEWS पिछले तीन माह में अकेले टीकापट्टी गांव से चार युवक हेलमेट नहीं पहनने की वजह से काल के गाल में समा गये तथा अपने स्वजनों को जिंदगी भर का दुख देकर चले गए। अब तो युवा ही नहीं, बल्कि अधिकांश बुजूर्ग भी हेलमेट नहीं पहनने की कशम खाने जैसी हरकत करने लगे हैं। वे इसके एवज में जुर्माना देना पसंद करते हैं, अपनी जान देना पसंद कर रहे हैं, परंतु हेलमेट नहीं पहनना चाह रहे हैं। पिछले तीन माह में अकेले टीकापट्टी गांव का आंकडा देखें तो चार युवकों की मौत सडक हादसे में सिर्फ इसलिए हो गई कि वे हेलमेट नहीं पहने थे। अगर हेलमेट पहने होते तो उनकी जान बच सकती थी।
बुधवार को भी जब दो बाइकों में टक्कर से रणजीत की मौत हुई, तब उसका सिर ही टकराया था तथा सिर के फट जाने से उसकी मौत हो गई थी। ठीक इसी तरह 1 दिसंबर 2024 को भी इसी गांव के एकही बाइक पर सवार तीन युवक अगर हेलमेट पहने होते, तो शायद उनकी मौत नहीं हुई होती। पिछले माह बैरिया के भी युवक की मौत हेलमेट नहीं होने की वजह से हुई थी। युवकों में इस तरह की बनती जा रही आदत, खतरे की घंटी से कम नहीं है। एक की मौत पूरे घर के स्वजनों को जिंदगी भर के लिए दुख भोगने के लिए मजबूर कर देता है।