SAHARSA NEWS सहरसा,अजय कुमार : कोसी समस्या राजनीतिक विद्वेष एवं भेद-भाव का परिणाम है। अगर समय रहते कोसी की समस्या का स्थाई निदान नहीं किया गया तो कुसहा से भी भयंकर जलप्रलय लोगों को भुगतना पडेगा। यह कहना है नवजागरण मंच के संस्थापक प्रो भवानंद मिश्र का। विद्यापति नगर स्थित निज आवास पर आयोजित बैठक में प्रो भवानन्द मिश्र ने कहा कहा कि जिन बहुउद्देशीय दृष्टिकोण से कोशीबाराज एवं तटबंध का निर्माण हुआ वह आज तक पूर्ण नहीं हो पाया।सोचने की बात है कि पूर्णिया से दरभंगा तक लगभग 150 किलोमीटर क्षेत्र में कोसी सदियों से विध्वंस लीला मचा रही थी।जिसे लगभग 6-7 दशक पूर्व दो तटबंधों के अंदर बांध दिया गया।तब से दो तटबंध के अंदर की मानवता कराह रही है।तटबंध के अंदर प्रतिवर्ष धन-जन की हानि होने के साथ-साथ ततबंध के बाहर दो किलोमीटर तक सीपेज के कारण जल- जमाव की समस्या विकराल बनी रहती है। आज दोनों तटबंधों के अंदर 50 वर्ष पुराना कोई घर- मकान नहीं है,कोई पेड़ नहीं है।तटबंध के अंदर जमीन कटाव का मुआवजा का कोई प्रावधान अब तक नहीं हुआ है। कुसहा की तरह अब तक पांच बार तटबंध टूटकर विनाश का तांडव हुआ है, किंतु कोई मुआवजा लोगों को नहीं दिया गया है। नवजागरण मंच मांग करती है कि कोसी की समस्या को “राष्ट्रीय समस्या” घोषित किया जाए। इस समस्या का स्थाई निदान की महत्वाकांक्षी योजना बनाई जाए। तटबंध के अंदर के लोगों को, तटबंध से बाहर’ ‘जमीन के बदले जमीन “दिया जाए एवं घर बनाने के लिए आर्थिक मदद दिया जाए।
वस्तुतः जाति’, संप्रदाय एवं भ्रष्टाचार की राजनीति एवं पार्टी अनुशासन एवं अन्य लाचारी के चलते संपूर्ण कोसी क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण समस्याओं को नहीं उठाया जा सका है। विभिन्न नदियों के इस कोसी क्षेत्र में, सिंचाई के कारण,वैज्ञानिक ढंग से खेती को प्रोत्साहन देकर, आर्थिक संकट दूर किया जा सकता है।इसी प्रकार संपूर्ण कोसी क्षेत्र में मछली पालन को वैज्ञानिक स्वरूप दिया जाना महत्वपूर्ण होगा। समाजसेवी गोसाई मंडल, दीनानाथ पटेल एवं दिग्विजय सिंह ने राजनीतिक स्तर पर समस्याओं के लिए आक्रामक होने की आवश्यकता पर बल दिया।बैठक की अध्यक्षता कर रहे हीरा प्रसाद सिंह ने कहा की सरकार को इन इन समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए एवं तुरंत समाधान करना चाहिए। नवजागरण मंच के इस बैठक में कोसी लोक मंच के सचिव घूरन महतो, गोसाई मंडल, दिग्विजय सिंह, विनय पासवान, बैद्यनाथ भगत, बिलाल अहमद, निर्मल कुमार मिश्र, अनिर्माण चौधरी,राजकुमार भगत, अनुरोध भगत, राजेश कुमार, वरुणादित्य अनिरुद्ध भगत, बैजनाथ भगत, मनोज सिंह, प्रो प्रदीप झा, डा रचना कुमारी, प्रो श्वेता शरण, विनोद भगत सहित अन्य मौजूद थे।