PURNEA NEWS : स्वामी सहजानंद सरस्वती विचार मंच का तीखा बयान: “पहल्गाम हमला न सिर्फ कायरता, बल्कि हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल”
PURNEA NEWS : स्वामी सहजानंद सरस्वती विचार मंच के सचिव पंकज कुमार ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बेसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। उन्होंने इस घटना को ‘निहायत घिनौना और कायरता पूर्ण कृत्य’ बताया, जिसमें 27 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई। पंकज कुमार ने कहा कि यह अमानवीय घटना देश की आंतरिक सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है। जब बेसरन जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पर हजारों पर्यटक मौजूद थे, तब वहां की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर क्यों थी? उन्होंने सवाल उठाया कि खुफिया तंत्र क्या कर रहा था और किस स्तर पर चूक हुई? सचिव ने चिंता व्यक्त की कि कोरोना काल के बाद से सेना में नई भर्तियाँ ठप हैं, जिसके चलते करीब 1.80 लाख पद रिक्त हैं। ऐसे समय में जब देश को सीमाओं पर और अधिक मजबूत सैन्य बल की जरूरत है, तब रक्षा बलों को “छोटा” करने की कोशिशें किस दिशा में जा रही हैं?
उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे आतंकवादी संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) का नाम सामने आया है, जो पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का ही एक मुखौटा है। यह हमला न सिर्फ निर्दोषों की जान लेने वाला कृत्य था, बल्कि कश्मीर की शांति और पर्यटन उद्योग को गहरा आघात देने वाला भी था। “पर्यटन इस राज्य की रीढ़ है और इस घटना से वे लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे जो पर्यटन पर आश्रित हैं,” उन्होंने कहा। प्रेस बयान में पाकिस्तान की भूमिका पर भी करारा हमला किया गया। मंच ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के उस हालिया बयान को उद्धृत किया जिसमें उन्होंने कश्मीर को “पाकिस्तान की गले की नस” बताया था। मंच ने इसे स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को उछालने की साजिश करार दिया। विनय नरवाल जैसे नौसेना अधिकारी, जिनकी शादी अभी 6 दिन पहले हुई थी, की हत्या का जिक्र करते हुए मंच ने कहा कि हिमांशी जैसी नवविवाहिता के हाथों की मेंहदी भी नहीं छूटी थी और आतंकियों ने उनके सपनों को भी रौंद डाला। अंत में, पंकज कुमार ने भारत सरकार से अपील की कि अब वक्त आ गया है कि आतंकियों और उन्हें पनाह देने वाले मुल्क को इजरायली स्टाइल में करारा जवाब दिया जाए। “यह देश की सुरक्षा और अस्तित्व के लिए अब अपरिहार्य हो गया है,” उन्होंने दो-टूक कहा।