Pahalgam Terror Attack
पूर्णिया

Pahalgam Terror Attack: नफरत के खिलाफ एकजुटता की पुकार: पहलगाम आतंकी हमले पर प्रेस क्लब पूर्णिया अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह का भावुक बयान

पूर्णिया: Pahalgam Terror Attack 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरण घाटी में हुए भयावह आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे, और दर्जनों घायल हुए। इस घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है और इसी क्रम में प्रेस क्लब पूर्णिया के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह ने एक भावनात्मक बयान देते हुए आतंक के इस कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा, “यह हमला सिर्फ कश्मीर या पर्यटकों पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है। यह उस खूबसूरत धरती की आत्मा को लहूलुहान करने की कोशिश है, जहां मेहमानों को खुदा का दर्जा दिया जाता है।”

नंदकिशोर सिंह ने शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि “अब वक्त आ गया है कि हम आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होकर निर्णायक कदम उठाएं। हमें सिर्फ सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि सरकार और समाज दोनों को मिलकर आतंकवाद की जड़ को काटना होगा।” उन्होंने बहादुर पश्तून सैयद आदिल हुसैन शाह को भी श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने पर्यटकों की जान बचाते हुए खुद बलिदान दे दिया।

सिंह ने जोर देते हुए कहा कि इस हमले के बाद हमें बिना किसी धार्मिक या राजनीतिक मतभेद के एकजुट होना चाहिए। उन्होंने यह भी अपील की कि कश्मीर को अलग-थलग करने की बजाय, वहां के आम लोगों के साथ संवाद और सहयोग बढ़ाया जाए, ताकि आतंकवादियों को स्थानीय समर्थन न मिल सके। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच को जल्द से जल्द अंजाम तक पहुंचाया जाए और आतंकियों के सरगनाओं को पाकिस्तान हो या कहीं और – किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। साथ ही, मीडिया से भी अपील की कि वह अफवाहों से परे, सत्य और संवेदनशील रिपोर्टिंग करे जिससे देश में एकता का संदेश जाए।

नंदकिशोर सिंह ने कहा, “यह समय गुस्से में बहकर उकसावे की राजनीति करने का नहीं, बल्कि एक मजबूत और संयमित राष्ट्र के रूप में खड़े होने का है। हम आतंक के हर चेहरे को बेनकाब करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर, शांति और प्रेम की धरती बना रहे, न कि नफरत की राजनीति का मैदान।” इस दर्दनाक हमले के बाद जरूरत है कि हम सब, चाहे सरकार हो, मीडिया, नागरिक समाज या आम जनता—सभी मिलकर आतंकवाद के खिलाफ स्थायी रणनीति अपनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण भारत मिल सके।

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